9 नवंबर 2020 डेली करंट अफेयर्स
जो बाइडेन ने जीता अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव
जोसेफ रॉबनेट बाइडेन जूनियर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराकर अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बन गए है। इसके साथ ही बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति बन गए है, जबकि वे 1992 में बिल क्लिंटन द्वारा जॉर्ज एच.डब्ल्यू बुश को अपने पहले कार्यकाल के सत्ता से बाहर करने वाले दूसरे राष्ट्रपति भी बन गए है। बाइडेन ने इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 290 वोट हासिल, जबकि व्हाइट हाउस पहुँचने के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है। इसके अलावा कैलिफोर्निया से सीनेटर बाइडेन की साथी कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली अश्वेत और भारतीय मूल-अमेरिकी महिला बन गईं।गईं।
जोसेफ रॉबनेट बाइडेन जूनियर के बारे में
बाइडेन जूनियर का जन्म 20 नवंबर, 1942 को स्क्रैंटन, पेंसिल्वेनिया के सेंट मैरी अस्पताल में हुआ था। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य, बाइडेन ने इससे पहले 2009 से 2017 तक 47 वें उपराष्ट्रपति और 1973 से 2009 तक डेलावेयर के लिए संयुक्त राज्य सीनेटर के रूप में भी कार्य किया।
कमला हैरिस के बारे में
हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर, 1964 को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ था। उन्होंने 2017 से कैलिफोर्निया से जूनियर यूनाइटेड स्टेट्स सीनेटर के रूप में काम किया है। उनकी माँ, श्यामला गोपालन एक बायोलॉजिस्ट है, जो स्तन कैंसर अनुसंधान में प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर जीन उत्तेजित पर शोध करती हैं, उनकी माँ श्यामल गोपालन 1958 में 19 वर्षीय कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में पोषण और एंडोक्रिनोलॉजी में स्नातक छात्र भारत के तमिलनाडु से अमेरिका आई थीं। । उनके पिता, डोनाल्ड जे. हैरिस, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर हैं, जो अर्थशास्त्र में एमरी बर्कले में स्नातक अध्ययन के लिए 1961 में ब्रिटिश जमैका से अमेरिका आए थे, और उन्होंने 1966 में अर्थशास्त्र में पीएचडी भी की।
इसरो ने PSLV C49 से 10 उपग्रहों को किया लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 07 नवंबर 2020 को इतिहास रचते हुए अपने प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी 49 से 10 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. इसरो ने दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर PSLV-C49 के जरिए 10 उपग्रहों (Satellites) को लॉन्च किया. यह लॉन्च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि सभी नौ ग्राहक उपग्रह सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में अलग हो गए और इंजेक्ट किए गए हैं. साल 2020 में इसरो का पहला अंतरिक्ष कार्यक्रम है. 10 उपग्रहों में 9 विदेशी उपग्रह हैं, जबकि 10 उपग्रहों में 1 भारत का उपग्रह है.
हर मौसम में पृथ्वी पर रहेगी नजर
भारत ने एडवांस्ड उपग्रह EOS-01 लॉन्च किया, उपग्रह EOS-01 में बेहद शक्तिशाली रडार है, रडार हर मौसम में पृथ्वी पर नजर रखने में सक्षम है. रडार बादलों के बीच भी साफ तस्वीर लेने में सक्षम है. साथ ही खेती, भूगर्भ शास्त्र, तटों की निगरानी में मददगार होगी.यह सैटेलाइट दिन के अलावा रात में भी तस्वीरें खींचने में सक्षम है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार लगा हुआ है, जिससे किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रखी जा सकती है.
51वां मिशन
इसरो की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार PSLV-C49 का यह 51वां मिशन है. इसके जरिए EOS-01 प्राइमरी सैटेलाइट के तौर पर और 9 इंटरनेशनल कस्टमर सैटेलाइट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया गया. ईएस-01 एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है.
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत
इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और धरती की स्पष्ट तस्वीर खींची जा सकती है. इस सैटेलाइट की मदद से भारतीय सेना अपनी सीमाओं पर निगरानी के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रख सकेगी. इस सैटेलाइट को बाढ़, सूखा और भूकंप जैसी आपदाओं में बेहतर प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा
सैटेलाइट EOS-01 के कक्षा में स्थापित रॉकेट लॉन्च होने के बाद PSLV-C49 के चौथे स्टेज के सेपरेशन के बाद EOS-01 अलग हुआ. भारतीय सैटेलाइट EOS-01 के कक्षा में स्थापित होने के बाद ग्राहक देशों के सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया. एक के बाद एक करके सारे सैटेलाइट्स उनके तय ऑर्बिट में स्थापित कर दिए गए हैं.
यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 07 नवंबर 2020 को दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च किया गया. इस मिशन के बाद इसरो की दिसंबर में GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है. जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिए लॉन्च करने की योजना है. दिसंबर 2019 में इसरो ने अपना आखिरी सैटेलाइट लॉन्च किया था. इसरोने 11 दिसंबर 2019 को रिसैट-2BR1 रॉकेट PSLV-C48 की मदद से लॉन्च किया था.
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