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Monday, March 21, 2022

GI टैग वाले कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी भारत सरकार

GI टैग वाले कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी भारत सरकार

 

आत्मनिर्भर भारतविज़न के अनुरूप, केंद्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के अद्वितीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भौगोलिक संकेत (Geographical Indication – GI) टैग के उपयोग पर नए सिरे से जोर देने का फैसला किया।

 


GI टैग वाले कृषि उत्पाद


भारत में 150 GI टैग वाले उत्पाद हैं, जो कृषि और खाद्य उत्पाद हैं। 150 GI-टैग उत्पादों में से लगभग 100 पंजीकृत GI उत्पाद अनुसूचित कृषि उत्पादों (अनाज, प्रसंस्कृत उत्पाद, सब्जियां, आदि) की श्रेणी में आते हैं। भारत के दो सबसे लोकप्रिय GI-टैग कृषि उत्पाद दार्जिलिंग चाय और बासमती चावल हैं। हालांकि, विभिन्न राज्यों के कई अन्य GI-टैग उत्पादों में निर्यात की बड़ी संभावनाएं हैं।

 

APEDA की भूमिका


पिछले साल, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Export Development Authority – APEDA) ने GI-टैग कृषि उत्पादों जैसे काला नमक चावल, नागा मिर्च, बैंगलोर गुलाब प्याज, नागपुर के संतरे, मदुरै मल्ली, जलगांव केला इत्यादि के निर्यात की सुविधा प्रदान की।

APEDA ने विदेशी खुदरा विक्रेताओं के सहयोग से आयातक देशों में प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए। निर्यात बढ़ाने के लिए कुछ देशों में जीआई टैग वाले कुछ उत्पादों के नमूने भेजे गए थे।


भारत से कुछ उल्लेखनीय निर्यात


पश्चिम बंगाल से आम की तीन GI किस्मों को बहरीन और कतर को निर्यात किया गया था। GI टैग वाली शाही लीची बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से ब्रिटेन को निर्यात की जाती है। GI टैग वाला बनागनपल्ले आम आंध्र प्रदेश से दक्षिण कोरिया को निर्यात किया गया था।

 

Categories: अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स
 
Tags:Agricultural And Processed Food Export Development Authority , APEDA , Geographical Indication , GI , Hindi Current Affairs , Hindi News , आत्मनिर्भर भारत , हिंदी करेंट अफेयर्स , हिंदी समाचार

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